रविवार, 30 नवंबर 2008

रावत सारस्वत साहित्य पुरस्कार-२००८ के लिए प्रविष्ठियां आमंत्रित


रावत सारस्वत साहित्य पुरस्कार-२००८ के लिए प्रविष्ठियां आमंत्रित


संक्षिप्त नियम-शर्तें


राजस्थानी भाषा के ख्यातनाम साहित्यकार स्व. रावत सारस्वत के नाम पर स्थापित पुरस्कार के संदर्भ में सूचित करते हुए परम हर्ष हो रहा है कि -
रावत सारस्वत साहित्य पुरस्कार-२००८ हेतु प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं।
राजस्थान निवासी कोई भी लेखक अपनी किसी एक राजस्थानी पुस्तक को पुरस्कार प्रविष्ठि के रूप में भिजवा सकता है। राजस्थान निवासी से अभिप्राय राजस्थान में जन्म लेने वाला या विगत दस वर्षों से लगातार राजस्थान में निवास करने वाला अभिप्रेत है।
पुस्तक वर्ष २००३, २००४, २००५, २००६, २००७ में छपी होनी चाहिए।
पुस्तक कम से कम ८० पृष्ठ की डिमाई साइज में होनी चाहिए।
पुस्तक किसी भी विधा में हो सकती है।
प्रविष्ठि रूप पुस्तक की पांच प्रतियां प्रेषित करनी होगी। (तीन पुस्तकें तीन निर्णायकों के लिए एक-एक, एक पुस्तक स्व. रावत सारस्वत के सुपुत्र सुधीर सारस्वत के लिए व एक पुस्तक संस्थान के लिए आवश्यक होगी।)
पूर्व वर्षों में पुरस्कार हेतु भेजी गई पुस्तक इस वर्ष पुन: शामिल नहीं हो सकेगी।
लेखक को अपने दो पासफोर्ट साइज फोटो के साथ अपना जीवन परिचय व पुरस्कार नियमांे की मान्यता की सूचना भी प्रेषित करनी होगी। (घोषणा प्रारूप नीचे प्रकाशित है।)
प्राप्त प्रविष्ठियों का मूल्यांकन समिति द्वारा मूल्यांकन करवाकर सर्वश्रेष्ठ घोषित किसी एक कृति पर पुरस्कार दिया जाएगा।
मूल्यांकन समिति में तीन अलग-अलग नगरों के राजस्थानी भाषाविद सदस्य होंगे। जिनसे अलग-अलग मूल्यांकन अंकों के आधार पर करवाया जाएगा और कुल योग के अंकों की अधिकता ही श्रेष्ठता का मापदण्ड होगा।
निर्णय पूर्णतया निष्पक्ष होगा और तीनों निर्णायकों को भी निर्णय होने तक एक-दूसरे के विषय में पता नहीं होगा।
निर्णायकों के पास विषय प्रतिपादन अभिव्यक्ति शिल्प व भाषा शैली के चार भाग २५-२५ अंक के मानकर कुल १०० अंकों का प्रपत्र, प्राप्त पुस्तकों की एक-एक प्रतियों के साथ भिजवाया जाएगा। पुस्तकें निर्णायकों को वापस नहीं करनी होगी व निर्णय पत्रक भरकर भेजना होगा। इस ढंग से तीनों निर्णायकों से प्राप्त पत्रक से अंक जोड़े जाएगें व कुल ३०० अंकों के योग का अंतिम निर्णय पत्रक तैयार किया जाएगा। कुल योग में सर्वाधिक अंक प्राप्त कृति के नाम पुरस्कार घोषित किया जाएगा।
मान-सम्मान के अलावा पुरस्कार की राशि ५१०० रु. नगद होगी।
राशि ५१०० रुपये से ज्यादा की राशि का कोई भी दुसरा पुरस्कार प्राप्त कर चुकी पुस्तक इस पुरस्कार हेतु शामिल नहीं हो सकेगी।
यह पुरस्कार वर्ष २००६ से रावत सारस्वत के सुपुत्र श्री सुधीर सारस्वत के सौजन्य से प्रतिवर्ष दिया जाएगा। जिसकी संयोजकीय भूमिका रावत सारस्वत स्मृति संस्थान, चूरू निभाएगा।
पुरस्कार की प्रविष्ठियां २५ दिसम्बर, २००८ तक दुलाराम सहारण, सचिव, रावत सारस्वत स्मृति संस्थान, गांधीनगर, पो. चूरू - ३३१ ००१ के पते पर पहुंच जानी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए मो. नं. ९४१४३ २७७३४ पर सम्पर्क किया जा सकता है।
संस्थान द्वारा घोषित अंतिम निर्णय सभी प्रतिभागियों को मान्य होगा। इस विषय में कोई भी वाद स्वीकार्य नहीं होगा।
सादर।

(भंवरसिंह सामौर) (दुलाराम सहारण)
अध्यक्ष सचिव


नैम-मानता घोसणा

सेवा मांय,


अध्यक्ष/सचिव
रावत सारस्वत स्मृति संस्थान
चूरू-३३१००१


विसै : 'रावत सारस्वत साहित्य पुरस्कार-२००८' सारू प्रविष्ठि भेळी करण अर नैम मानता री हामळ बाबत।


मानजोग,


म्हैं---------------------निवासी ........................................... म्हारी पोथी ................................... री पांच पड़तां, म्हारो परिचै अर दो फोटूवां साथै ''रावत सारस्वत साहित्य पुरस्कार-२००८'; री प्रविष्ठि सारू भिजवावूं हूं।
म्हैं घोसणा करूं हूं कै आ' पोथी म्हारी मौलिक है अर इण माथै कोई दूजो ५१०० रिपियां सूं बेसी रो इनाम कोनी मिल्यो थको।
संस्थान रा नैम-कायदा देख लिन्हां अर म्हैं उणां नै मानण री घोसणां करूं। म्हनैं संस्थान रो छेकड़लो निर्णय मंजूर होसी।


तारीख :

दस्तखत :

नांव अर पूरो ठिकाणो :
फोन/मोबाइल नं :

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