आं बच्चां रै सीस पर, बैठ्यो है संसार
एक कानी सकूलां में प्रवेश उच्छब मनायो जावे तो दूजी कानी नान्हा नान्हा पढ़ेसरयां नै घर चलावन री चिंता खाया जावे है. परलीका रो रामावतार स्वामी भी नोंवी जमात रो पढ़ेशरी है।
एक कानी सकूलां में प्रवेश उच्छब मनायो जावे तो दूजी कानी नान्हा नान्हा पढ़ेसरयां नै घर चलावन री चिंता खाया जावे है. परलीका रो रामावतार स्वामी भी नोंवी जमात रो पढ़ेशरी है।
© Blogger templates The Professional Template by AAPNI BHASHA AAPNI BAAT 2008
Back to TOP
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें