निरालो निजरानो..................
परलीका रा राजू खीचड़ गांव रा साहित्यकार अर मायड़ भाषा आन्दोलन रा कार्यकार्तावा ने रे मोके निरालो निजरानो भेंट करयो। राजू खीचड़ एक खेती खड़ नौजवान है अर राजस्थानी मोट्यार परिसद रा जुझारु कार्यकर्ता है। आप दिवाळी रे मोके एक दर्जन अराई अर इतनी ही उकसनी निजराने रे रूप में बाँट'र सगळा रो दिल जीत लियो।
जानकारी- अराई अर उकसनी दोनू ही बिलोवने सू जुड्या संज है। अराई सिनिये री गूंथी जावे अर कधावनी बिलोनो आद ठाम टिका'र मेलन रे काम आवे। उकसनी दचाभ री जड्या सू बनाई जावे। ओ एक तरिया रो ब्रश बन जावे अर कधावनी बिलोनो आद ठाम साफ़ करने रे काम आवे।
==== ओ दुनिया रो न्यारो-निरालो निजरानो है इन में राजस्थानी माट्टी री महक है। इन निजराने रे सामी दुनिया रा सगळा निजराना फीका है।====
==== चंद्रपति देवी (बडेरी लुगाई) ====
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