गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

फूल झड़ै मायड़ रै सबदां,

मीठी-मुळक जबान,

आपणो प्यारो राजस्थान

18 एसपीडी गांव में चौधरी दौलताराम

संस्कृति अवार्ड उच्छब सम्पन्न

हनुमानगढ़, अप्रैल, २००९

बेकळा रेत रै ऊंचै धोरै रै मंच सूं कविता पाठ करता कवि अर बेकळा में हाँसी सूं दोलड़ा होंवतां दरसक। ओ नजारो देखण नै मिल्यो मंगळवार रात नै पीळीबंगा तहसील रै 18 एसपीडी गांव में चौधरी दौलताराम संस्कृति अवार्ड उच्छब-2009 री वेळा एज्यूकेशन सिटी स्थळ माथै आयोजित 'हाँसी री गंगा' कार्यक्रम में।

चौधरी रावताराम मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट कानी सूं आयोजित इण कार्यक्रम रो श्रीगणेश गांव रा बडेरा गोपालराम सहारण मां सुरसत रै चितराम साम्हीं दीवो चास'र करियो। ट्रस्ट कानी सूं कवि ताऊ शेखावाटी, रामस्वरूप किसान अर रूपसिंह राजपुरी नै रिजाई अर सैनाणी भेंट कर'र सनमानित करीज्या। हास्य सम्राट ख्याली सहारण पधारियोड़ा पावणां अर दरसकां रो स्वागत-सत्कार करियो। इण मौकै ख्याली बतायो कै ट्रस्ट कानी सूं आगली साल पढेसरी अवार्ड भी सरू करीजसी, जिणमें हनुमानगढ़ जिलै रा पांचवीं, आठवीं, दसवीं अर बारहवी री परीक्षा में पैली ठोड़ रैवण वाळा पढेसर्यां नै अवार्ड दीरीजसी। ट्रस्ट हरेक बरस किसान मेळो भी आयोजित करसी।
कार्यक्रम री सरूआत कवि विनोद स्वामी चंद्रसिंह बिरकाळी रचित वाणी वंदना सूं करी। कवि रामदास बरवाळी रै गीत 'फूल झड़ै मायड़ रै सबदां, मीठी-मुळक जबान, आपणो प्यारो राजस्थान' पर स्रोता झूम उठ्या। रूपसिंह राजपुरी 'स्योलो ताऊ सूत्या हा तू़डी हाळी साळ में' समेत मोकळी कवितावां सूं दरसकां नै लोटपोट कर दिया। रामस्वरूप किसान आपरी हास्य कवितावां रै साथै कई गंभीर अर असरदार कवितावां सूं स्रोतावां नै भाव विभोर कर दिया। आपरी 'अन्नदाता' कविता में वां किसान रो दरद इण भांत परगट करियो- 'म्हैं तो मौत अर जीवण रै बिचाळै पीसीजण आळी चीज हूं, भुरभरी जमीं पर म्हारै हळ सूं काढयोड़ा ऊमरां में तो सदियां सूं करजो ऊगतो आयो है'। सवाईमाधोपुर सूं पधार्या राजस्थानी रा नांमी मंचीय कवि ताऊ शेखावाटी आज री राजनीतिक अर सामाजिक विद्रूपतावां पर चोट करती हास्य कवितावां सुणाई तो हाँसतां-हाँसतां सुणनियां रा पेट दूखण लागग्या। वां रै दुमदार दूहां पर स्रोतावां मोकळा ठरका लगाया। गंभीर कविता 'हेली' में कवि आपरी आत्मा सूं इण भांत बंतळ करी- 'हेली बावळी ए, गजबण तूं क्यूं मगज खपावै, दुनिया तो मेळो है ईं में एक आवै एक जावै'। मंच संचालक विनोद स्वामी आपरी कवितावां सूं आपरै बाळपणै नै चितार्यो। इण मौकै ख्याली ठेठ राजस्थानी में आपरी हास्य प्रस्तुतियां सूं स्रोतावां नै घणा हँसाया। कार्यक्रम मांय इलाकै रा मौकळा कवि-साहित्यकार, पत्रकार, राजस्थानी मान्यता आंदोलन सूं जु़ड्या कार्यकर्ता अर संस्कृति कर्मी मौजूद हा।

विनोद अर रामदास पुरस्कृत

बरस 2009 रो चौधरी दौलताराम संस्कृति अवार्ड परलीका रा युवा कवि विनोद स्वामी अर बरवाळी रा राजस्थानी गीतकार रामदास बरवाळी नै दीरीज्यो। ख्याली रै घरां आयोजित सनमान-समारोह मांय दोनूं कवियां नै ख्याली सहारण राजस्थानी पगड़ी बंधवायी। ख्याली रा माताजी श्रीमती तीजां देवी अर भुआजी श्रीमती धन्नी देवी ५१००-५१०० रिपिया रोकड़ा अर बखांण पाना भेंट कर्या। पछै दोनूं कवियां नै सिणगारियोड़े ऊंटां माथै सवार कर'र गाजै-बाजै सूं मंच तक पुगाया। कवियां रो ओ अनूठो सनमान देख'र जणै-कणै रै मूंडै सूं 'वाह-वाह' निसरती रैयी। मंच माथै कवि ताऊ शेखावाटी, रामस्वरूप किसान अर रूपसिंह राजपुरी दोनूं जणां नै ट्रस्ट कानी सूं दुसाला, सैनाणी अर चांदी रा मैडल भेंट कर्या।

बउवा बाढ अवार्ड

कार्यक्रम में 'बउवा बाढ अवार्ड' भी आकर्षण रो केन्द्र रैयो। 'बउवा बाढणो' मुहावरै रै नांव पर इण अवार्ड रो नांव राखीज्यो है। 18 एसपीडी रै बाळक नरेश सहारण अर परलीका रै पढेसरी प्रमोद सोनी नै मंच माथै सांतरी हास्य प्रस्तुतियां देवण सारू, गांव रा बडेरा दौलताराम भादू नै गांव में हाँसी-ठट्ठा करता रैवण अर मंच रै सूत्रधार रै रूप में विजय नाई नै ट्रस्ट कानी सूं बउवा बाढ अवार्ड सूं सनमानित करीज्या।

'भास्कर' अर ख्याली नै

अनूठी पैल सारू घणा-घणा रंग

कार्यक्रम मांय दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर रा संपादक कीर्ति राणा, अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति रा प्रदेश पाटवी हरिमोहन सारस्वत, प्रदेश मंत्री मनोज स्वामी, राजस्थानी चिंतन परिषद् रा बीकानेर संभाग महामंत्री प्रहलाद राय पारीक, मोट्यार परिषद् रा हनुमानगढ़ जिला पाटवी अनिल जांदू, साहित्यकार अली मोहम्मद पड़िहार, दीनदयाल शर्मा, दौलतराम डोटासरा, डॉ।नन्दलाल वर्मा, अशोक बब्बर, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी तारावती भादू, हनुमान खोथ, तोळाराम स्वामी, उम्मेद खोथ, डॉ। विजय भादू, श्रीगंगानगर सूं भोजराज(घी-तेल व्यापारी), श्यामसुंदर(श्याम प्लाईवुड), रामकरण सिंह(एपीपी), रामलाल सहारण, कृष्ण स्याग, भूपसिंह कासणिया(महियांवाळी) समेत राजस्थानी आंदोलन रा मोकळा जुझार भी भेळा होया।
इण मौकै भास्कर संपादक कीर्ति राणा ख्याली नै इण अनूठी पैल सारू दाद दीनी। वां खुद नै मायड़भासा आंदोलन रो एक सिपाही बतायो अर पुरस्कृत संस्कृति कर्मियां नै बधाई दीनी। ख्याली समेत कार्यक्रम में हाजर मायड़भासा आंदोलन रा जुझारां भास्कर नै राजस्थानी भाषा रै प्रचार-प्रसार में जबरै सैयोग सारू मौकळो धन्यवाद दीनो।

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