बुधवार, 29 अक्टूबर 2008

निरालो निजरानो..................






परलीका
रा राजू खी
चड़ गांव रा साहित्यकार अर मायड़ भाषा आन्दोलन रा कार्यकार्तावा ने रे मोके निरालो निजरानो भेंट करयो। राजू खीचड़ एक खेती खड़ नौजवान है अर राजस्थानी मोट्यार परिसद रा जुझारु कार्यकर्ता है। आप दिवाळी रे मोके एक दर्जन अराई अर इतनी ही उकसनी निजराने रे रू
में बाँट'र सगळा रो दिल जीत लियो।



ानकारी
- अराई
अर उकसनी दोनू ही बिलोवने सू जुड्या संज है। अराई सिनिये री गूंथी जावे अर कधावनी बिलोनो आद ठाम टिका'र मेलन रे काम आवे। उकसनी दचाभ री जड्या सू बना जावे। ओ एक तरिया रो ब्रश बन जावे अर कधावनी बिलोनो आद ठाम साफ़ करने रे काम आवे।

==== ओ दुनिया रो न्यारो-निरालो निजरानो है इन में राजस्थानी माट्टी री महक है। इन निजराने रे सामी दुनिया रा सगळा निजराना फीका है।====
==== चंद्रपति देवी (बडेरी लुगाई) ====

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सोमवार, 27 अक्टूबर 2008

दिवाली री मोकळी-मोकळी बधाई.....

आपरे घर में सुख शान्ति रो बासो हुवे।
अन्न धन्न रा भंडार भरे।
धन्न धीनो धान मोकलो बापरे।
सातु सुख बापरे।
दिवाळी री मोकळी-मोकळी बधाई।

जनवाणी परिवार कानी सु दिवाळी री मोकळी-मोकळी बधाई।

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रविवार, 19 अक्टूबर 2008

परलीका में पेयजल संकट...........बिक रहा है पानी













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गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008

मायड़भाषा राजस्थानी में हो प्रचार




दिनाक- १६-१०-२००८


हनुमानगढ़ जिले के परलीका गांव में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की युवा इकाई राजस्थानी मोट्यार परिसद की बैठक हुयी। बैठक में समिति के प्रदेश परचार मंत्री विनोद स्वामी, मोट्यार परिसद के बीकानेर संभाग के उपाध्यक्ष सतपाल खाती व् मोट्यार परिसद के हनुमानगढ़ जिला पाटवी संदीप महिया सहित बड़ी संख्या में नौजवान कार्यकर्ता थे। अध्यक्षता कथाकार मेहरचंद धामू ने की।
बैठक में वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी राजस्थान की प्रमुख भाषा है तथा राजस्थान के लोग मातृभाषा की उपेक्षा बर्दास्त नही करेंगे। राजस्थानी राजस्थान की प्रथम राजभाषा बन्ने की अधिकारिणी है, मगर इसे दूसरी या तीसरी राजभाषा के रूप में भी मान्यता नही दिया जन राजस्थान की जनता का घोर अपमान है। वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी भाषा, साहित्य एव संस्कृति अकादेमी को राज्य की सिरमौर अकादेमी घोषित की जाए। इस अकादेमी का सालाना बजट कम से कम पञ्च करोड़ किया जाए तथा राजस्थानी अकादेमी के अध्यक्ष को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाए। इस अवसर पर मोट्यार परिसद के आगामी कर्यकर्मो की रुपरेखा भी तय की गई। निर्णय लिया गया की विधानसभा चुनावो के दौरान मायड़भाषा में परचार करने वाले उम्मीदवारों का सत्कार तथा अन्य सभी का बहिष्कार किया जाएगा तथा जो परचार सामग्री मायड़भाषा में नही होगी, उसकी सार्वजनिक रूप से होली जलाई जायेगी।
मोट्यार परिसद की और से राजस्थानी के मुद्दे पर शीघ्र जनजाग्रति अभियान भी चलाया जाएगा।

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मायड़भाषा राजस्थानी में हो चुनावी परचार





मायड़भाषा पर सत्कार, नही तो बहिष्कार




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गुरुवार, 9 अक्टूबर 2008

बधाई संदेश..............


भारतीय खाद्य निगम द्वारा सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई।

नरेश मेहन (हनुमानगढ़) हिन्दी के प्रमुख जनवादी कवि है। प्रकृति प्रेम इनकी कविताओ की खूबी है। आपके दो कविता संग्रह प्रकाशित है-
१- पेड़ का दुःख, २- घर।
बाल कथा कृति 'खेजडी बुआ' भी प्रकाशित हुयी है। आपने अपनी मासूम मुलायम भावः बोध की कविताओ से साहित्य जगत में खूब प्रसिद्धि पाई है।


जनवाणी परिवार की ओर से कवि नरेश मेहन को हार्दिक बधाई।

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