मायड़भाषा राजस्थानी में हो प्रचार
दिनाक- १६-१०-२००८
हनुमानगढ़ जिले के परलीका गांव में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की युवा इकाई राजस्थानी मोट्यार परिसद की बैठक हुयी। बैठक में समिति के प्रदेश परचार मंत्री विनोद स्वामी, मोट्यार परिसद के बीकानेर संभाग के उपाध्यक्ष सतपाल खाती व् मोट्यार परिसद के हनुमानगढ़ जिला पाटवी संदीप महिया सहित बड़ी संख्या में नौजवान कार्यकर्ता थे। अध्यक्षता कथाकार मेहरचंद धामू ने की।
बैठक में वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी राजस्थान की प्रमुख भाषा है तथा राजस्थान के लोग मातृभाषा की उपेक्षा बर्दास्त नही करेंगे। राजस्थानी राजस्थान की प्रथम राजभाषा बन्ने की अधिकारिणी है, मगर इसे दूसरी या तीसरी राजभाषा के रूप में भी मान्यता नही दिया जन राजस्थान की जनता का घोर अपमान है। वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी भाषा, साहित्य एव संस्कृति अकादेमी को राज्य की सिरमौर अकादेमी घोषित की जाए। इस अकादेमी का सालाना बजट कम से कम पञ्च करोड़ किया जाए तथा राजस्थानी अकादेमी के अध्यक्ष को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाए। इस अवसर पर मोट्यार परिसद के आगामी कर्यकर्मो की रुपरेखा भी तय की गई। निर्णय लिया गया की विधानसभा चुनावो के दौरान मायड़भाषा में परचार करने वाले उम्मीदवारों का सत्कार तथा अन्य सभी का बहिष्कार किया जाएगा तथा जो परचार सामग्री मायड़भाषा में नही होगी, उसकी सार्वजनिक रूप से होली जलाई जायेगी।
मोट्यार परिसद की और से राजस्थानी के मुद्दे पर शीघ्र जनजाग्रति अभियान भी चलाया जाएगा।
हनुमानगढ़ जिले के परलीका गांव में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की युवा इकाई राजस्थानी मोट्यार परिसद की बैठक हुयी। बैठक में समिति के प्रदेश परचार मंत्री विनोद स्वामी, मोट्यार परिसद के बीकानेर संभाग के उपाध्यक्ष सतपाल खाती व् मोट्यार परिसद के हनुमानगढ़ जिला पाटवी संदीप महिया सहित बड़ी संख्या में नौजवान कार्यकर्ता थे। अध्यक्षता कथाकार मेहरचंद धामू ने की।
बैठक में वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी राजस्थान की प्रमुख भाषा है तथा राजस्थान के लोग मातृभाषा की उपेक्षा बर्दास्त नही करेंगे। राजस्थानी राजस्थान की प्रथम राजभाषा बन्ने की अधिकारिणी है, मगर इसे दूसरी या तीसरी राजभाषा के रूप में भी मान्यता नही दिया जन राजस्थान की जनता का घोर अपमान है। वक्ताओ ने कहा की राजस्थानी भाषा, साहित्य एव संस्कृति अकादेमी को राज्य की सिरमौर अकादेमी घोषित की जाए। इस अकादेमी का सालाना बजट कम से कम पञ्च करोड़ किया जाए तथा राजस्थानी अकादेमी के अध्यक्ष को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाए। इस अवसर पर मोट्यार परिसद के आगामी कर्यकर्मो की रुपरेखा भी तय की गई। निर्णय लिया गया की विधानसभा चुनावो के दौरान मायड़भाषा में परचार करने वाले उम्मीदवारों का सत्कार तथा अन्य सभी का बहिष्कार किया जाएगा तथा जो परचार सामग्री मायड़भाषा में नही होगी, उसकी सार्वजनिक रूप से होली जलाई जायेगी।
मोट्यार परिसद की और से राजस्थानी के मुद्दे पर शीघ्र जनजाग्रति अभियान भी चलाया जाएगा।