मंगलवार, 9 दिसंबर 2008

विनोद स्वामी नै 'श्री सुगन साहित्य' सम्मान

राजस्थानी भाषा अर संस्कृति रै विकास खातर श्री सुगन स्मृति संस्थान कानीं सूं आयोजित 'श्री सुगन साहित्य' सम्मान इण बार परळीका रा युवा साहित्यकार विनोद स्वामी नै दियो जासी। राजस्थानी भाषा री संवैधानिक मान्यता खातर संघर्ष अर साहित्यिक सेवा रै विनोद स्वामी नै १३ दिसम्बर नै सूरतगढ में संस्थान रै वार्षिक समारोह मांय पुरस्कार दिरीजैला।

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ओम पुरोहित 'कागद' री कवितावां.....

मां-१


घर मांय बी
निरवाळौ घर
बसायां राखै
म्हारी मा।

दमै सूं
उचाट होयोड़ी
नींद सूं उठ'र
देर रात
ताणी
सांवटती रे'वै
आपरी तार-तार होयोड़ी
सुहाग चूनड़ी।

बदळती रे'वै कागद
हरी काट लागियोड़ा
सुहाग कड़लां
रखड़ी-बोरियै-ठुस्सी री
पुड़ी रा
लगै-टगै हर रात।

मा-२

साठ साल पै'ली
आपरै दायजै मांय आई
संदूक नै
आपरी खाट तळै
राख'र सोवै मा।

रेजगारी राखै
तार-तार होयोड़ी सी
जूनी गोथळी मांय
अर फेर बीं नै
सावळ सांव
'र
राख देवै
जूनी संदूक मांय।

पोती-पोतां सागै
खेलतां-खेलतां
फुरसत मांय कणां ई
काढ'र देवै
आठ आन्ना
मीठी फांक

चूसण सारू।

मा-३
मुं अंधारै
भागफाटी उठ'र
पै'ली
खुद नहावै
फेर नुहावै
तीन बीसी बर
जूनै
पीतळ रै ठाकुर जी नै
जकै रा नैण-नक्स
दुड़ गिया
मा रै हाथां
नहावंता-नहावंता।

मोतिया उतरयोड़ी
आंख रै सारै ल्या

ठाकुर जी रो
मुंडौ ढूंढ'र
लगावै भोग
अर फेर
सगळां नै बांटै प्रसाद
जीत मांय हांफ्योड़ी सी।

मा- ४

टाबरां मांय टाबर
बडेरां मांय बडेरी
हुवै मा।

टाबरां मांय
कदै'ई
बडेरी
नीं हुवै मा।
पण
हर घर मांय
जरुर हुवै मा
रसगुल्लै मांय
रस री भांत।


एक निजर ओम पुरोहित कागद

जलम- ५ जुलाई १९५७, केसरीसिंह (श्रीगंगानगर)
भणाई- एम.ए. (इतिहास), बी.एड. अर राजस्थानी विशारद
छप्योड़ी
पोथ्यां- हिन्दी :- धूप क्यों छेड़ती है (कविता संग्रह), मीठे बोलों की शब्दपरी (बाल कविता संग्रह), आदमी नहीं है (विता संग्रह), मरूधरा (सम्पादित विविधा), जंगल मत काटो (बाल नाटक), रंगो की दुनिया (बाल विविधा), सीता नहीं मानी (बाल कहानी), थिरकती है तृष्णा (कविता संग्रह)
राजस्थानी :- अ
न्तस री बळत (कविता संग्रै), कुचरणी (कविता संग्रै), सबद गळगळा (कविता संग्रै), बात तो ही, कुचरण्यां।
पुरस्कार अर सनमान- राजस्थान साहित्य अकादमी रो 'आदमी नहीं है' माथै 'सुधीन्द्र पुरस्कार', राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर कानीं सूं 'बात तो ही' पर काव्य विधा रो गणेशी लाल व्यास पुरस्कार, भारतीय कला साहित्य परिषद, भादरा रो कवि गोपी कृष्ण 'दादा' राजस्थानी पुरस्कार, जिला प्रशासन, हनुमानगढ़ कानीं सूं केई बार सम्मानित, सरस्वती साहित्यिक संस्था (परलीका) कानीं सूं सम्मानित।
सम्प्रति- शिक्षा विभाग, राजस्थान मांय चित्रकला अध्यापक।
ठावौ ठिकाणौ- २४, दुर्गा कॉलोनी, हनुमानगढ़ संगम ३३५५१२
कानाबाती- ०१५५२-२६८८६३
समूठ- ९४१४३-८०५७१

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