शुक्रवार, 26 दिसंबर 2008

नूंवै बरस री मोकळी-मोकळी मंगळकामनावां

नूंवै बरस री मोकळी-मोकळी मंगळकामनावां।

आपरा सगळा कारज पूरा होवै
घर में सातूं सुख बापरै।

नयै बरस भी नेह आपरो
गयै बरस री भांत राखियो।
रट्ठ निरा ई ताळ रो पड़ै
टाबरां री ख्यांत राखियो।।
- मोहन आलोक

बेली थारै आंगणै, उड़तो रेवै गुलाल।
बांध भरोटो हरख रो, ल्यावै नूंवो साल।।
-रामस्वरूप किसान

इणीज कामना साथै
जनवाणी परिवार


सत्यनारायण सोनी री कहाणियां पढ़ण खातर अठै क्लिक करो सा!

0 टिप्पणियाँ:

  © Blogger templates The Professional Template by AAPNI BHASHA AAPNI BAAT 2008

Back to TOP